Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2022 · 1 min read

दिया

मेरे अँधेरे जीवन में
एक छोटी सी दिये का
बड़ा ही साथ रहा
जहाँ सुरज और चाँद का
भी साथ न मिला मुझे
वहाँ यह दिया हर कदम पर
मेरा साथ निभाता रहा।

कभी जला, कभी बुझा
पर अपने आस्तित्व से
हमें समझाता रहा
अंधेरा कितना भी हो घना
पर जीवन में रोशनी की
एक छोटी सी किरण
अंधेरे से उसे उबार लेती है।

जरूरी नहीं की जीवन में
हमेशा फूलों का सेज मिले
काँटे बिछाकर भी जिन्दगी
कभी हर जगह-जगह पर
हमारा इम्तिहान लेती है।

बस जरूरत है रोशनी की
एक छोटी सी लौ की
भले ही वह दिये की तरह
ही क्यों न हो
बस जरूरत है दिल में
एक उम्मीद की किरण
जगाए रखने की
विश्वास करो जिंन्दगी
कितना भी कठिन हो
हर मुश्किल से निकल
आती है।

दिया कहती है देखो मुझे
चाहे अँधेरा कितना भी घना हो
पर में नही डरती हूँ
अपनी पूरी ताकत के साथ
मै अँधेरे से लड़ती रहती हूँ।

~अनामिका

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 621 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमने ये शराब जब भी पी है,
हमने ये शराब जब भी पी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लक्ष्य
लक्ष्य
Suraj Mehra
धर्म निरपेक्षी गिद्ध
धर्म निरपेक्षी गिद्ध
AJAY AMITABH SUMAN
🙅पक्का वादा🙅
🙅पक्का वादा🙅
*प्रणय*
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
तुम - हम और बाजार
तुम - हम और बाजार
Awadhesh Singh
चैन अमन
चैन अमन
भगवती पारीक 'मनु'
स्त्री मन
स्त्री मन
Vibha Jain
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
भगवान
भगवान
Adha Deshwal
दुनिया कितनी निराली इस जग की
दुनिया कितनी निराली इस जग की
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मुझे नहीं मिला
मुझे नहीं मिला
Ranjeet kumar patre
समय का निवेश:
समय का निवेश:
पूर्वार्थ
मां
मां
Sonam Puneet Dubey
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
VINOD CHAUHAN
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
Slok maurya "umang"
!! उमंग !!
!! उमंग !!
Akash Yadav
"अजब-गजब मोहब्बतें"
Dr. Kishan tandon kranti
कहते हैं  की चाय की चुस्कियो के साथ तमाम समस्या दूर हो जाती
कहते हैं की चाय की चुस्कियो के साथ तमाम समस्या दूर हो जाती
Ashwini sharma
हमारा विद्यालय
हमारा विद्यालय
आर.एस. 'प्रीतम'
प्रीति चुनरिया के बड़े,
प्रीति चुनरिया के बड़े,
sushil sarna
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ये दाग क्यों  जाते  नहीं,
ये दाग क्यों जाते नहीं,
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*दादी ने गोदी में पाली (बाल कविता)*
*दादी ने गोदी में पाली (बाल कविता)*
Ravi Prakash
2950.*पूर्णिका*
2950.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
अंसार एटवी
Loading...