** दिया जले **
रात के मद्धिम अंधेरे दूर करने को जले
दिया जले होले – होले दिया जले
लहलहाती हवा के संग दीपक जले
दिवा जले होले – होले दिया जले
जग अंधेरी रात संग दीपक जले
दिवा जले होले होले दिया जले
रख खुद को अंधेरे में दिल क्यूं जले
रात की तन्हाइयों में दिल को यूं छले
दिवा जले जले होले होले दिया जले
कर उजाले गेर के घर तूं क्यूं अपने को छले
रौशनी गैरों की कब दीपक तले तम को हरे
दीपक बना है औरों के जो जीवन को रोशन करे
रात में मद्धिम अंधेरे दूर करने को जले
दिवा जले होले होले दिया जले दिया।।
?मधुप बैरागी