Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

करे मतदान

#दिनांक:-5/5/2024
#शीर्षक:- करे मतदान

बजता ढोल नगाड़ा देखो गली-गली,
रैली रोज चुनावों की अब लगे भली।
सच होता हकदार हर इक दावे का,
हल्ला बोल किया,जनता गई छली।

वार प्रतिकार प्रतिद्वंदिता का माहौल
कहीं वियक्ष दहाड़े कहीं पक्ष सुडौल।
तूती बोले भविष्य में उनकी ही यारों,
व्यंग्य में भी ना हुआ जो कल डावॉ डोल।

किया चुनाव आयोग ने,खूब गजब फरमान,
छिपे अराजक तत्व सब,देखें यही निदान।
सब जन आकर खुद करें,पूर्ण सफल अभियान,
राष्ट्र-धर्म का ध्यान धर,करें सभी मतदान।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

Language: Hindi
1 Like · 129 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Khata kar tu laakh magar.......
Khata kar tu laakh magar.......
HEBA
3702.💐 *पूर्णिका* 💐
3702.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" हालात "
Dr. Kishan tandon kranti
🌹💖🌹
🌹💖🌹
Neelofar Khan
मैंने बेटी होने का किरदार किया है
मैंने बेटी होने का किरदार किया है
Madhuyanka Raj
खालीपन
खालीपन
MEENU SHARMA
जवाब के इन्तजार में हूँ
जवाब के इन्तजार में हूँ
Pratibha Pandey
कुछ चूहे थे मस्त बडे
कुछ चूहे थे मस्त बडे
Vindhya Prakash Mishra
जैसे-जैसे हम चुनौतियों और असफलताओं की घुमावदार सड़कों पर चलत
जैसे-जैसे हम चुनौतियों और असफलताओं की घुमावदार सड़कों पर चलत
पूर्वार्थ
हरियाली के बीच मन है मगन
हरियाली के बीच मन है मगन
Krishna Manshi
लोगों ने तुम्हे केवल नफरत दी है अरे नही रे लोगो ने तुम्हे थप
लोगों ने तुम्हे केवल नफरत दी है अरे नही रे लोगो ने तुम्हे थप
Rj Anand Prajapati
बस एक कदम दूर थे
बस एक कदम दूर थे
'अशांत' शेखर
लोगों के रिश्मतों में अक्सर
लोगों के रिश्मतों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता
Jogendar singh
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
डॉ.सीमा अग्रवाल
ഋതുമതി
ഋതുമതി
Heera S
🙅सामयिक मुक्तक🙅
🙅सामयिक मुक्तक🙅
*प्रणय प्रभात*
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
शिव प्रताप लोधी
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
Suryakant Dwivedi
छल.....
छल.....
sushil sarna
विकृतियों की गंध
विकृतियों की गंध
Kaushal Kishor Bhatt
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
चार बजे
चार बजे
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
"दिल दे तो इस मिजाज का परवरदिगार दे, जो गम की घड़ी भी खुशी स
Harminder Kaur
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*My Decor*
*My Decor*
Poonam Matia
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
Dr fauzia Naseem shad
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
Atul "Krishn"
Loading...