दिखावा
इंसान दिखावे में परेशान हैं
कोई गाड़ी कोई बगला
कोई पैसा दिखाने में परेशान है
कोई सोना कोई चाँदी
कोई हीरा दिखाने में परेशान है
कोई भैस कोई कुत्ता खोजवाने में परेशान हैं
कोई समागम कोई सत्संग करवाने में परेशान है
अन्दर की हालत है पस्त चेहरा चमकदार हैं
समाज में दिखावे में इनका प्रथम स्थान हैं
इंसान दिखावे में _ _ _
इंतना परेशान क्यों होते हो तुम
ना कोई सोचता न देखता ना लिखता
तुम्हारा इतिहास है
इंसान दिखावे में _ _ _
सब को समझते है बेवकूफ़
बताते खुद को महान है
परेशान हो जाओगे दिखावे मे ज्याद
बच के रहो तुम, तुम्हारे आगे हजार है
इंसान दिखावे में परेशान हैं
डॉ मनोज कुमार
मोहन नगर गाजियाबाद