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10 Jun 2024 · 1 min read

“दास्तान”

“दास्तान”
जब – जब दर्द के तराने लिखे,
वो अश्कों की लकीर बन गये।
जब उल्फत के अफसाने लिखे,
पावन प्रीत की जागीर बन गये।

2 Likes · 2 Comments · 21 Views
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