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12 Jul 2022 · 1 min read

दास्तान

इंसान की ज़िंदगी की बस इतनी सी है दास्तान ,
दो घड़ी का मेला है और फिर सब सुनसान।
छोटी सी ज़िंदगी है और बेशुमार हसरतें ,तौबा !
फानी है धोका है सब ,कहाँ समझता है इंसान।

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 118 Views
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