दास्तां-ए-दर्द
दास्तां-ए-दर्द
५
जीने की इच्छा चाही तो, अपशगुन बता दिया,
चैन की सांस लेनी चाही तो, टाइमपास बता दिया।
आवाज उठानी चाही तो, नासमझ बता दिया,
बहस करनी चाही तो, कुलक्षणी बता दिया।।
To be continued..
#seematuhaina
दास्तां-ए-दर्द
५
जीने की इच्छा चाही तो, अपशगुन बता दिया,
चैन की सांस लेनी चाही तो, टाइमपास बता दिया।
आवाज उठानी चाही तो, नासमझ बता दिया,
बहस करनी चाही तो, कुलक्षणी बता दिया।।
To be continued..
#seematuhaina