” दास्तां “
” दास्तां ”
एक दिन हम तो चले जाएंगे
पर कदमों के निशां रह जाएंगे,
सबकी दास्तां लिखते-लिखते
हम खुद ही दास्तां बन जाएंगे।
” दास्तां ”
एक दिन हम तो चले जाएंगे
पर कदमों के निशां रह जाएंगे,
सबकी दास्तां लिखते-लिखते
हम खुद ही दास्तां बन जाएंगे।