Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2024 · 1 min read

“दामन”

“दामन”
आसमां के दामन से चाँद को बुलाता हूँ,
दिल के अन्धेरों में सितारों को जलाता हूँ।

2 Likes · 2 Comments · 73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
सज जाऊं तेरे लबों पर
सज जाऊं तेरे लबों पर
Surinder blackpen
हर पल
हर पल
Davina Amar Thakral
शब्दों की मिठास से करें परहेज
शब्दों की मिठास से करें परहेज
Chitra Bisht
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए...
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए...
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
I'd lost myself
I'd lost myself
VINOD CHAUHAN
3218.*पूर्णिका*
3218.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
कवि रमेशराज
अपना-अपना दुःख
अपना-अपना दुःख
Dr. Kishan tandon kranti
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar Dwivedi (1941-81)
मुक्तक
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
Dr fauzia Naseem shad
यु निगाहों का निगाहों से,
यु निगाहों का निगाहों से,
Manisha Wandhare
बरसाने की हर कलियों के खुशबू में राधा नाम है।
बरसाने की हर कलियों के खुशबू में राधा नाम है।
Rj Anand Prajapati
धन से जो सम्पन्न उन्हें ,
धन से जो सम्पन्न उन्हें ,
sushil sarna
“की एक जाम और जमने दे झलक में मेरे ,🥃
“की एक जाम और जमने दे झलक में मेरे ,🥃
Neeraj kumar Soni
मिलन
मिलन
Dr.Priya Soni Khare
भार्या
भार्या
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जो व्यक्ति  रथयात्रा में रथ पर विराजमान श्री कृष्ण, बलराम और
जो व्यक्ति रथयात्रा में रथ पर विराजमान श्री कृष्ण, बलराम और
Shashi kala vyas
खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर
खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर
Paras Nath Jha
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
Neelofar Khan
#प्रसंगवश...
#प्रसंगवश...
*प्रणय प्रभात*
अगर मैं कहूँ
अगर मैं कहूँ
Shweta Soni
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
शेखर सिंह
సమాచార వికాస సమితి
సమాచార వికాస సమితి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
* जिन्दगी *
* जिन्दगी *
surenderpal vaidya
कैसे भूले हिंदुस्तान ?
कैसे भूले हिंदुस्तान ?
Mukta Rashmi
समर्पण
समर्पण
Sanjay ' शून्य'
!! पर्यावरण !!
!! पर्यावरण !!
Chunnu Lal Gupta
Loading...