*दानवीर व्यापार-शिरोमणि, भामाशाह प्रणाम है (गीत)*
दानवीर व्यापार-शिरोमणि, भामाशाह प्रणाम है (गीत)
दानवीर व्यापार-शिरोमणि भामाशाह प्रणाम है
1)
व्यापारी-समाज के ऊॅंचे, मूल्यों के उद्गाता
नभ में सेवा और समर्पण, ध्वज जिनसे फहराता
मातृभूमि के लिए दान-धन, जिनका शुभ आयाम है
2)
कठिन परिश्रम से धन तुमने, भामाशाह कमाया
मातृभूमि को किया समर्पित, धन-मन-स्वर्णिम किया
कहा देह की सॉंस-सॉंस यह, मातृभूमि के नाम है
3)
सहयोगी राणा प्रताप के, परम मित्र रण-नायक
दुश्मन से टकराने वाले, वीर वृत्ति के गायक
धन्य तुम्हारे ही कारण यह, धन्य हिंद अभिराम है
दानवीर व्यापार-शिरोमणि, भामाशाह प्रणाम है
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451