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22 Feb 2024 · 1 min read

दादी माॅ॑ बहुत याद आई

सपने में दी आज दिखाई
दादी माॅ॑ बहुत याद आई—दादी माॅ॑
सपनों में जब कभी आती है
जैसे कि रूबरू हो जाती है
बहुत देर वह बतियाती है
फिर खो जाती जैसे परछाई–दादी माॅ॑
कर्म की सदा सीख देती थी
मेरे ह्रदय में बस बैठी थी
मैं सुनता जो वह कहती थी
दादी ने ही मुझे राह दिखाई–दादी माॅ॑
किस्से नित नए-नए बताती
संस्कारों की बात सिखाती
सांझ सवेरे भजन सुनाती
कहती हरदम करो भलाई–दादी माॅ॑
दादी माॅ॑ थी सबसे प्यारी
जगत निराला पर वो न्यारी
मुश्किल घड़ी में जो ना हारी
‘V9द’ याद में ऑ॑खें भर आई–दादी माॅ॑

1 Like · 163 Views
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