*दाता माता ज्ञान की, तुमको कोटि प्रणाम ( कुंडलिया )*
दाता माता ज्ञान की, तुमको कोटि प्रणाम ( कुंडलिया )
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दाता माता ज्ञान की, तुमको कोटि प्रणाम
वर दो हे मॉं शारदे, रहे बुद्धि निष्काम
रहे बुद्धि निष्काम, हृदय में लोभ न आए
यह भौतिक संसार, नहीं भीतर जा पाए
कहते रवि कविराय, समझ बस इतना आता
सबका स्वामी ईश, संपदा का सब दाता
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451