दाग तेरी विचित्र कहानी
इन्सान की जिंदगी
भरी दाग से
निकला जो बच कर
वह बेदाग हो गया
वरना दाग से तो
देवता भी बच नही पाए
दाग चुनरी पर
बैचैन सुन्दरी
दाग चरित्र पर
बदनाम जमाना
धुल जाते है दाग
जमाने में
बस यादें छोड़
जाते है दिल के
कोने में
सब मांगो दुआ
मौला से इतनी
गुजर जाऐ
फकीर की जिन्दगी
बिना दागों के
और क्या लिखूं
दाग , तुम्हारे बारे में
हँसते खेलते चमन
उजड़ जाते है
एक आंधी से तम्हारे
महफ़ूज रहे
इस दुनियाँ में
गर हर कोई
पाक-साफ रखे
दामन
इन दागों से