दहेज पर खामोशी
खामोशी की भाषा को
समझना बड़ा कठिन है ।
खामोशी से बनते काम
कभी बिगड़ने का ड़र है ।
इतिहास में खामोशी पर
कई घटना हुई दुखद है ।
राजा दशरथ की खामोशी
राम का हुआ वन गमन है ।
भीष्म पितामह की खामोशी
द्रोपती का चीर हरण है ।
कुंती की खामोशी से ही
कर्ण राधेय से जाहिर है ।
आपसी मतभेद के कारण
खामोशी राजाओं में है ।
इसी कारण गुलामी दंश
झेला मेरे भारत ने है ।
प्रजातंत्र में खामोशी से
सत्ता पक्ष पाता बल है ।
विपक्ष हो जब खामोश
मनमानी करता सत्ता दल है ।
खामोशी देख मुखिया की
परिवार रहता चिंतित है ।
खामोशी से पता न चलता
किस मन में भरा जहर है ।
दहेज मुक्ति पर खामोशी
सामाजिक न्याय पतन है ।
बेटा- बेटी को समान हक
सता रहा एक डर है ।
इससे बचने का तरीका
दहेज दानव का बल है ।
खूब लुटा देते विवाह पर
हर समाज में प्रचलन है ।
यदि संभव हो रोक दिखाओ
बर्बादी तो पग पग है ।
जितना चाहो देना है शुभ
माॅग रखना तो अनुचित है ।
अपव्यय रोक दान करें सब
जिसका जितना मन है ।