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29 Jan 2021 · 1 min read

“दशहरा”

धूम मची थी आज सुबह से,भुवन पटाखे लाया था।
आज दशहरे का अवसर था, चंदा खूब उगाया था ।।
माही आरू और अमन ने, मिलजुलकर यह ठाना था।
पुतला दहन करेंगें बच्चे , सबको यह जतलाना था ।।

पुट्ठे की तलवार बनाई, ढाल बनाई लकड़ी की ।
गोलू रूई भर-भर लाया ,मूछ बनाई तगड़ी सी ।।
नाक बना दी लाल रंग की, तोंद बनाई खूब बड़ी ।
कौन बनेगा रामचंद्र जी, सब बच्‍चों में बहस छिड़ी।।

मम्‍मू मामा देख रहे थे, एक अनोखी बात कही।
रावण दहन करेगा वो ही, जिसके हों आचार सही।।
आग जलाना बुरी बात है, दूषित वातायन होता ।
पैसों की होती बर्बादी, पर्यावरण क्षरण होता ।।

14 नवंबर 2019

जगदीश शर्मा

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