दलदल बनी राजनीति
राजनीति दल दल बनी, नेता भये त्रिशूल|
पानी सूखा आँखों का, उड़ती बेशर्म धूल||
सत्ता की चाहत बढ़ी, विभक्त करें नाकूल|
धर्म-जाति-वर्ग भेद में, प्रमत्तक्रम अनुकूल||
राजनीति दल दल बनी, नेता भये त्रिशूल|
पानी सूखा आँखों का, उड़ती बेशर्म धूल||
सत्ता की चाहत बढ़ी, विभक्त करें नाकूल|
धर्म-जाति-वर्ग भेद में, प्रमत्तक्रम अनुकूल||