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6 Jul 2023 · 1 min read

*दर्पण (बाल कविता)*

दर्पण (बाल कविता)

दर्पण में देखो मुख अपना
बचपन में बूढ़ापन सपना
जो जैसा है वही बताता
झूठ बोलना इसे न आता
दर्पण का मतलब सच्चाई
थोड़ा सीखो इससे भाई

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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