दर्पण जैसा हो गया
आया जो भी सामने,हुआ उसी से प्यार !
दर्पण जैसा हो गया, उनका भी किरदार !!
चाहे जितनी हो खफा,नौका से पतवार !
माॆंझी खेवनहार तो,.. होता दरिया पार !!
रमेश शर्मा.
आया जो भी सामने,हुआ उसी से प्यार !
दर्पण जैसा हो गया, उनका भी किरदार !!
चाहे जितनी हो खफा,नौका से पतवार !
माॆंझी खेवनहार तो,.. होता दरिया पार !!
रमेश शर्मा.