जग कल्याणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों हमसफ़र,
"नन्नता सुंदरता हो गई है ll
Acknowedged with Best Author Award 2024 by Manda Publishers
हिसाब हुआ जब संपत्ति का मैंने अपने हिस्से में किताबें मांग ल
खडा खोड झाली म्हणून एक पान फाडल की नवकोर एक पान नाहक निखळून
प्रेम की साधना (एक सच्ची प्रेमकथा पर आधारित)
नफसा नफसी का ये आलम है अभी से
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
कृष्णा तेरी बांसुरी , जब- जब छेड़े तान ।
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
*परवरिश की उड़ान* ( 25 of 25 )
तुझे पाने की तलाश में...!
singh kunwar sarvendra vikram
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम