दर्द.
दर्द.
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अकेले इस चाँदनी रात में
मैं और तेरी यादें….
बहती हुई हवा की इस
महक क्यों मुझे
तुम्हारी याद
दिलाती है…?
उस दिन तुम्हारी आँखों
से गिरे हुए हिमकण
बिना कहे मुझे विदा
किए थे.
हम और कभी मिलने वाले नहीं हैं क्या ?
कुछ नहीं बोल
सकता था मैं
और तुम भी
कुछ नहीं बताई.
मैंने क्या नहीं
दिया था
तुम्हारे लिए….
मेरी जान के आलावा….
और क्या बाक्की है…
अपनी ज़िन्दगी में…
जान से भी
प्यारा है तू….
सिर्फ इसलिए
मैं बताता हूँ.
यही मेरी प्रार्थना है
तुम्हारे लिए
और कभी नहीं
मिलना है हमें.
मेरी कसम तुम्हें
कभी
रोना मत.
हमेशा तू ही रहेगा
मेरे दिल का हीरा.