Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

जीवन डगर के ओ सहचर

जीवन डगर के ओ सहचर,
पहचान मेरी तुमसे प्रियवर।
मेरे सिर की छत तुमसे है,
मैं तेरी ही छाया सहचर।
प्रीति से अपनी बना ये घर,
मेरे सहचर मेरे प्रियवर ।
सुख दुःख के मेरे साथी हो,
तुम प्रीत भरी एक पाती हो।
तुम लाड़ प्यार संसार सकल,
मेरे सहचर मेरे प्रियवर ।
तुम तीखी मीठी डांट भी हो,
अनुहार भी हो मनुहार भी हो।
मम जीवन का आह्लाद सतत,
मेरे सहचर मेरे प्रियवर ।
हम जीते या हारे जग में,
विश्वास परस्पर सदा सदृढ़।
ये प्रीत गढ़े प्रतिमान प्रवर
मेरे सहचर मेरे प्रियवर ।
प्रभु दे तुमको आनन्द घने,
सुख की चिर संचित राशि घनी।
तुम जीत बनो हर हार को वर,
मेरे सहचर मेरे प्रियवर ।

Language: Hindi
23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Saraswati Bajpai
View all
You may also like:
दर्द अपना है
दर्द अपना है
Dr fauzia Naseem shad
*25_दिसंबर_1982: : प्रथम पुस्तक
*25_दिसंबर_1982: : प्रथम पुस्तक "ट्रस्टीशिप-विचार" का विमोचन
Ravi Prakash
जीवन संध्या में
जीवन संध्या में
Shweta Soni
खून-पसीने के ईंधन से, खुद का यान चलाऊंगा,
खून-पसीने के ईंधन से, खुद का यान चलाऊंगा,
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
Be with someone who motivates you to do better in life becau
Be with someone who motivates you to do better in life becau
पूर्वार्थ
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
मेले
मेले
Punam Pande
वीर-स्मृति स्मारक
वीर-स्मृति स्मारक
Kanchan Khanna
अधूरा ज्ञान
अधूरा ज्ञान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दहन
दहन
Shyam Sundar Subramanian
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
Krishna Manshi
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बसंत का आगम क्या कहिए...
बसंत का आगम क्या कहिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
■ सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध।
■ सेवाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध।
*प्रणय प्रभात*
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गर कभी आओ मेरे घर....
गर कभी आओ मेरे घर....
Santosh Soni
फिर से
फिर से
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
नींद आने की
नींद आने की
हिमांशु Kulshrestha
यूपी में कुछ पहले और दूसरे चरण में संतरो की हालात ओर खराब हो
यूपी में कुछ पहले और दूसरे चरण में संतरो की हालात ओर खराब हो
शेखर सिंह
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
Rj Anand Prajapati
पिछले पन्ने 10
पिछले पन्ने 10
Paras Nath Jha
मां की महत्ता
मां की महत्ता
Mangilal 713
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
जय शिव-शंकर
जय शिव-शंकर
Anil Mishra Prahari
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
Ram Krishan Rastogi
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
// जय श्रीराम //
// जय श्रीराम //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...