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12 Sep 2022 · 1 min read

दर्द

दर्द जिन्दगी का
वह बेरहम जल्लाद है
जो अपने आगे
बच्चे, बुर्जग ,नौजवान औरत या आदमी
किसी को नही छोड़ता है।
हर कोई यहाँ दर्द का मारा हुआ है
कोई थोड़ा सा कुचला हुआ,
कोई दर्द से रौंदा हुआ होता है।
कोई दर्द से लड़ रहा है अभी भी
किसी ने दर्द के सामने हार मानकर
अपने घुटने टेक दिया होता है।
कोई भी अपने जीवन में इसे नही चाहता है
पर कमबख्त फिर भी बिन बुलाएं
मेहमान की भाँति पहुंच जाता है।
यह हमारी जिदंगी में आता भी अपनी मर्जी से है,
और जाता भी अपनी मर्जी से ही है।
हम इसके सामने बेबस दिखाई देते है।
तकलीफ इतनी देती यह,
इसके नाम से रूह काँप जाता है।
फिर यह कमबख्त रूप बदल-बदलकर
हमारे जीवन मे समा ही जाता है।

अनामिका

Language: Hindi
8 Likes · 7 Comments · 303 Views

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