दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
लोग मरहम नहीं नमक छिड़कने आयेंगे
मांझी गवाह है जहां में , हर शख्स का यहां
नमक को भी मरहम बनाया है मजबूत इरादों ने
टुट कर बिखरने वालों को, भुला देता है जहां
मदद उसकी ही करेगा खुदा,जो खुद के लिए कदम उठायेंगे।