दर्द को आंसूं बना कर देख लो।
दर्द को आसूं बना कर देख लो।
दुनियां है कैसी पिला कर देख लो।
ये जहां कितना तमाशाबीन है।
आप अपना घर जला कर देख लो।
जान देने की कसम जो दे रहे।
आप उनको आज़मा कर देख लो।
कोई सौ फीसद किसी का है नहीं।
खुद को ही अपना बना कर देख लो।
कसम की फितरत है अक्सर टूटती है।
आप भी कोई उठा कर देख लो।
कौन बचता इस जहां में दाग से।
आप भी खुद को बचा कर देख लो।
इश्क़ की शमा कभी बुझती नही।
” नज़र”तुम इसको बुझा कर देख लो।