दर्द का फलसफा “
दर्द का फलसफा ”
फूलों की सुगन्ध का पता नहीं
काँटों का दंश कुछ ज्यादा रहा,
ईश के दर्शन तो हुए ही नहीं
दृष्टि – ध्वंस कुछ ज्यादा रहा।
दर्द का फलसफा ”
फूलों की सुगन्ध का पता नहीं
काँटों का दंश कुछ ज्यादा रहा,
ईश के दर्शन तो हुए ही नहीं
दृष्टि – ध्वंस कुछ ज्यादा रहा।