*दर्द का दरिया प्यार है*
दर्द का दरिया प्यार है
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दर्द का दरिया प्यार है,
जश्न का जरिया प्यार है।
नैन बरसते दिन रात हैँ,
रो रही अखियाँ प्यार है।
घटाएँ घनघोर काली सी,
बजती गुजरिया प्यार है।
गिले-शिकवों से भरा है,
प्रपंची छलिया प्यार है।
फूल खिलते चितवन में,
बागों सा हरिया प्यार है।
पीड़ा की क्रीड़ा में डूबा,
लोहे का सरिया प्यार है।
दर से बेदर है मनसीरत,
स्वर्ग की परियाँ प्यार है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)