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6 Jun 2021 · 1 min read

“”दर्द ए इश्क””

गजब का प्यार रहा उसकी आंखों में।

गुमान तक न हुआ वह बिछड़ने वाला है।

रश्क है मुझे अपनी आशिकी से क्या कहूं।

पता नहीं लगा वह कब जंजीरों में जकड़ने वाला है।

तजदीक इश्क से पहले कर लेता तो अच्छा था।

गर पता होता वह बेवफाई करने वाला है।

अपने कीमती अश्क जाया कर दिए उसकी आरजू में।

भूल गया उसका दिल नहीं पसीजने वाला है।

फासले कम न कर सका समीर उस माशूक से।

बेखबर था के वह मुझसे बहुत दूर जाने वाला है।

“”समीर””

Language: Hindi
247 Views
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