दरार
धीरे धीरे घट रहा, मानव मन में मेल।
रिश्ते नाते सब लगे,मतलब के अब खेल।
मनमुटाव के साथ ही,दिल में पड़े दरार-
षडयंत्रों के दंश को,सभी रहे हैं झेल।।
धीरे धीरे घट रहा, मानव मन में मेल।
रिश्ते नाते सब लगे,मतलब के अब खेल।
मनमुटाव के साथ ही,दिल में पड़े दरार-
षडयंत्रों के दंश को,सभी रहे हैं झेल।।