दरमियान तेरे मेरे ( गीत)
कर रहें हैं गुफ्तगू अबसार
दरमियान तेरे मेरे
इजहार हो रहा है प्यार
दरमियान तेरे मेरे।
राज़ ए दिल मेरे सभी
ज़ाहिर होने को है,
ये सावन न मद्धम
ना अब सम्भलने को है।
बहने लगी है एक बयार
दरमियान तेरे मेरे,
इजहार हो रहा है प्यार
दरमियान तेरे मेरे।
एक खलिश इस ओर भी थी
एक खलिश उस ओर भी,
उलफत में मोहब्बत के
था खुदा भी मज़बूर कभी।
भरने लगी हैं कई दरार
दरमियान तेरे मेरे,
इजहार हो रहा है प्यार
दरमियान तेरे मेरे
ख्याल ना रहा खुद का मुझे
ना ख्याल भीगी बरसात का,
बढ़ने लगे हैं कदम एक ओर
पर न ख्याल उनकी आहट का।
यूँ ही होता रहे इकरार
दरमियान तेरे मेरे,
इजहार हो रहा है प्यार
दरमियान तेरे मेरे।