****दमसाज मेरे ***
दमसाज मेरे तूं ये तो बता
तेरा नाम है क्या ?
तेरा क्या है पता ?
किसका मकां है
तेरे दिल में
कौन मकीं है तेरे दिल में
हिज्र में जो गुजरी है रातें
मत पूछो अब उनकी बातें
मौसम -ए -बहार आई है
अब ना तुझको यकीं
ना मुझको पता
दमसाज मेरे …… पता
आयी है फ़सल मुहब्बत की
खिलते हैं गुल -गुलशन में
दिलबर मेरे तूं ये तो बता
कब काटेंगे
फ़सल मुहब्बत की
दमसाज………पता
लब सीले है अब क्यूं तेरे
हिकायतें तूं
अपनी हमको बता
मर्ग बहुत है पास मेरे
अब तूं ही
जीने का मार्ग बता
दमसाज……. पता
शाद रहें हम कैसे बता
तुम बिन
अब रहना मुश्किल
जीवन है ये लम्बा सफ़र
जियेंगे मरेंगे संग संग हम
दमसाज … मेरे पता ।।
?मधुप बैरागी