— दंगा ? क्या मिला —
कुछ दिन से माहौल ने
ऐसी करवट ले ली है
बिन वजह खुद की भी
नींद हराम में कर दी है !!
पढ़ा लिखा समझदार
अनपढ़ सा लगने लगा है
बात का पता नहीं ठीक से
दंगा फसाद करने निकल पड़ा है !!
बात को समझे बिना, जाने बिना
उठा के पत्थर मारने लगे
जिस देश में रह रहे हो
उस देश में ही आग लगाने लगे !!
कैसा यह चलन है ,क्या शिक्षा है
क्या यही समझाया आपके गुरुजन ने
बुद्धि का करो उपयोग न समझ लोगो
तुम अपने ही घर में पत्थर मारने लगे !!
जहाँ का खाया नमक उस के नमक
हलाल बनकर आएगी बढ़ो
नमक हरामी को तो दुनिआ भर के
लोग ही काफी हैं तो तंज कसने लगे !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ