Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2017 · 1 min read

थोड़ा रुक ही जाते…..

थोड़ा रुक ही जाते
हम आये तो थे
धड़कने तेज थीं मगर
कदम डगमगाये तो थे

गीली मिट्टी सनी थी
जो तेरे पैर में
उन राहों पर आँसू
बहाये तो थे
थोड़ा रुक ही जाते
हम आये तो थे

हम तड़पते रहे
मिलन की आस में
दिल तुम्हारा पड़ा था
मेरे पास में
क्यूँ रुसवा हुए
क्या शिकवा हुए
वादे किए जो
निभाए तो थे
थोड़ा रुक ही जाते
हम आये तो थे

अब तो दिखता नहीं
दिन है या रैन है
जिस्म बेजान है
रूह बेचैन है
गूंजते हैं फ़िज़ाओं में
नग्मे वो प्यार के
मिलके हमने कभी
साथ गाये जो थे
थोड़ा रुक ही जाते
हम आये तो थे

नहीं चाहा कभी
इश्क़ बदनाम हो
इन सूखे लवों पर
बस तेरा नाम हो
साँस थम जाये तो
लाना सूखे वो गुल
किताबों में कभी हमने
सजाए जो थे

थोड़ा रुक ही जाते
हम आये तो थे

डा0 शेखर सुरेंद्र राजपूत

Language: Hindi
226 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* नाम रुकने का नहीं *
* नाम रुकने का नहीं *
surenderpal vaidya
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
Suryakant Dwivedi
*चली राम बारात : कुछ दोहे*
*चली राम बारात : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
Dr MusafiR BaithA
झुर्रियों तक इश्क़
झुर्रियों तक इश्क़
Surinder blackpen
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
Pramila sultan
"लाल गुलाब"
Dr. Kishan tandon kranti
निकट है आगमन बेला
निकट है आगमन बेला
डॉ.सीमा अग्रवाल
माये नि माये
माये नि माये
DR ARUN KUMAR SHASTRI
धूमिल होती पत्रकारिता
धूमिल होती पत्रकारिता
अरशद रसूल बदायूंनी
दिल्ली चलें सब साथ
दिल्ली चलें सब साथ
नूरफातिमा खातून नूरी
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
Vishal babu (vishu)
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
Dr Archana Gupta
जीवन का एक और बसंत
जीवन का एक और बसंत
नवीन जोशी 'नवल'
श्याम अपना मान तुझे,
श्याम अपना मान तुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
sushil sarna
खोट
खोट
GOVIND UIKEY
खुद से प्यार
खुद से प्यार
लक्ष्मी सिंह
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
शिव प्रताप लोधी
चले ससुराल पँहुचे हवालात
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पतंग
पतंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इश्क की खुमार
इश्क की खुमार
Pratibha Pandey
आसमाँ  इतना भी दूर नहीं -
आसमाँ इतना भी दूर नहीं -
Atul "Krishn"
जिंदगी भर ख्वाहिशों का बोझ तमाम रहा,
जिंदगी भर ख्वाहिशों का बोझ तमाम रहा,
manjula chauhan
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
अब मेरी आँखों ने आँसुओ को पीना सीख लिया है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जीवन है
जीवन है
Dr fauzia Naseem shad
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...