थोड़ा सा पुण्य कमाएं
गर्मी बढ़ रही बहुत तेज ,
सूरज आग उगले तेज,
ऐसे में घर से बाहर निकलना है ,
बड़ा दुभर।
तो सोचो ! पशु ,पक्षियों और ,
पेड़ पौधों की क्या दशा होगी ?
थोड़ी सी मानवता इन के लिए ,
भी निभाओ।
तनिक ह्रदय में इनके लिए भी ,
करुणा जगाओ।
पेड़ पौधों को जल से सिंचो,
सुबह शाम ।
और पशु पक्षियों के पीने के लिए,
पानी रखो आठों याम।
अप्रत्यक्ष रूप से आशीष लुटाएंगे यह ,
अपनी मासूम और खामोश आंखों से ,
आभार प्रदर्शित करेंगे यह ।
यह पुण्य कर्म होगा बड़ा फलदाई ,
मृत्यु उपरांत ईश्वर से गति दिलवाएंगे यह ।