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15 Mar 2022 · 1 min read

थैली

सुलझाओ तुम एक पहेली।
मैं हूं सबकी सखी सहेली।।
*********************
घर में घुसकर मैं रहती हूं।
वज़न बहुत सा मैं सहती हूं।।
फिर भी हूं मैं निपट अकेली।
सुलझाओ तुम एक पहेली।।
**””******************
सब अपनी अपनी ही जानें।
मेरी पीड़ा झूठी मानें।।
मैंने सदा संभाला सबको
बनी संवरकर सुंदर थैली।
सुलझाओ तुम एक पहेली।
*********************
कचरे के संग फेंका है नित।
मैं करती सबका ही पर हित।।
फिर भी मुझे सभी ढुलकाते।
करें बुराई नहीं अघाते।
दुनिया भर की पीड़ा झेली।
सुलझाओ तुम एक पहेली।।
**********************

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 240 Views
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