*थूकने वालों को प्रणाम( हास्य गीत )*
थूकने वालों को प्रणाम( हास्य गीत )
■■■■■■■■■■■■■■■■
यहाँ-वहाँ जो थूक रहे हैं, उनको नम्र प्रणाम है
( 1 )
इनसे मिलिए सुबह-सुबह गुटके से मुँह भर लेते
पिच्च-पिच्च पिचकारी जैसे छींटे दिन-भर देते
पीक-पीक कर गली लाल करना इनका ही काम है
( 2 )
जहाँ बैठते कुछ सज्जन गाढ़ा-बलगम फैलाते
जब भी देखो सिर्फ थूकते सड़कों पर मिल जाते
थूके बिना सड़क पर इनको मिलता कब आराम है
( 3 )
छज्जे से थूको भैया, थूको दुकान से भाई
करो सड़क के बीच कभी कोनों में बेशरमाई
खुद का कुर्ता खुद की पीकों से ही रँगा तमाम है
यहाँ-वहाँ जो थूक रहे हैं ,उनको नम्र प्रणाम है
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451