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13 May 2024 · 1 min read

था जाना एक दिन

था जाना एक दिन
मुझको यहां सब छोड़ के

किन्तु मै न जा सका
दिल तुम्हारा तोड़ के।

तेरी चाहत मे मै, फस
गया था इस कदर

देख कर भी रह गया
गिनता रहा दिन के गदर।

भूल गया था हूं प्रवासी
मै किसी परदेश का

करने आया हूं पालन
मै किसी आदेश का।

सो गया था मोह, तृष्णा
की , मैं चादर ओढ़ के

इस लिए न जा सका
प्यार से मुख मोड़ के।

Language: Hindi
1 Like · 48 Views

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