थाम सुदर्शन चक्र
भृकुटि को करके थोड़ा वक्र,
हाथ में थाम सुदर्शन चक्र।
दमन हित आओ प्यारे श्याम,
धरा पर लोग हुए उद्दाम।।
देश में हो प्रयास निर्बाध,
उठाए नहीं शीश अपराध।
शीघ्र हों ऐसे ठोस उपाय,
त्वरित ही सारे पाएँ न्याय।
बने यह धरती पावन धाम।
दमन हित आओ प्यारे श्याम।।
मिटा दें अघ भय पापाचार,
दिव्यता ले नूतन अवतार।
ज्ञात हो सबको अपना धर्म,
दिखे शुचि सुष्ठु सभी का कर्म।
सिखाते यही हमें प्रभु राम।
दमन हित आओ प्यारे श्याम।।
काल हो कैसा भी दुर्धर्ष,
त्यागना उचित नहीं संघर्ष।
सत्य है जीवन में पुरुषार्थ,
शरासन धारण कर हे पार्थ।
कर्म हर करना है निष्काम।
दमन हित आओ प्यारे श्याम।।
जहाँ हों अटल इरादे नेक,
वहाँ पर टिके न बाधा एक।
विवशता रचती नहीं प्रपंच,
सुसज्जित दिखते सारे मंच।
साथ प्रभु रहते आठों याम।
दमन हित आओ प्यारे श्याम।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय