Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2018 · 1 min read

त्यौहार

।।। धनतेरस ।।।

देखो खुशियों का त्यौहार,
सजे घर आँगन आई बहार,
बाजार भी हुए देखो गुलजार,
सबको मिले यह खुशियां अपार,
जग देता धनतेरस की शुभकामनाएं ,
स्नेह प्रेम से मिलकर त्यौहार मनाए,
लोकतंत्र में अपनी जम्मेदारी निभाए,
28 नवम्बर को मतदान अवश्य करें,
।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
1 Like · 202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
“दो बूँद बारिश की”
“दो बूँद बारिश की”
DrLakshman Jha Parimal
कर्मगति
कर्मगति
Shyam Sundar Subramanian
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
Ravikesh Jha
तुम तो हो जाते हो नाराज
तुम तो हो जाते हो नाराज
gurudeenverma198
दिल  किसी का  दुखाना नही चाहिए
दिल किसी का दुखाना नही चाहिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Sahityapedia
Sahityapedia
भरत कुमार सोलंकी
हमराही
हमराही
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
जल बचाओ, ना बहाओ।
जल बचाओ, ना बहाओ।
Buddha Prakash
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
सर-ए-बाजार पीते हो...
सर-ए-बाजार पीते हो...
आकाश महेशपुरी
दगा बाज़ आसूं
दगा बाज़ आसूं
Surya Barman
तू छीनती है गरीब का निवाला, मैं जल जंगल जमीन का सच्चा रखवाला,
तू छीनती है गरीब का निवाला, मैं जल जंगल जमीन का सच्चा रखवाला,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
इशरत हिदायत ख़ान
उसकी इबादत आखिरकार रंग ले ही आई,
उसकी इबादत आखिरकार रंग ले ही आई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चन्द्रयान तीन क्षितिज के पार🙏
चन्द्रयान तीन क्षितिज के पार🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सड़क जो हाइवे बन गया
सड़क जो हाइवे बन गया
आर एस आघात
मैंने, निज मत का दान किया;
मैंने, निज मत का दान किया;
पंकज कुमार कर्ण
उफ्फ,
उफ्फ,
हिमांशु Kulshrestha
जिनका ईमान धर्म ही बस पैसा हो
जिनका ईमान धर्म ही बस पैसा हो
shabina. Naaz
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
शेखर सिंह
मन का जादू
मन का जादू
Otteri Selvakumar
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
ख़ूबसूरत लम्हें
ख़ूबसूरत लम्हें
Davina Amar Thakral
कुछ बातें ज़रूरी हैं
कुछ बातें ज़रूरी हैं
Mamta Singh Devaa
4140.💐 *पूर्णिका* 💐
4140.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
किस्मत भी न जाने क्यों...
किस्मत भी न जाने क्यों...
डॉ.सीमा अग्रवाल
😊नया नारा😊
😊नया नारा😊
*प्रणय प्रभात*
समस्याओं से भागना कायरता है
समस्याओं से भागना कायरता है
Sonam Puneet Dubey
Loading...