Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2022 · 1 min read

त्याग

त्याग
~~°~~°~~°
कर्म तो कभी तज सकते नहीं,
कर्मफल का त्याग करो बंदे ।
अंतकाल राम मुख आवत नाहिं ,
पहले से राम जपो बंदे…

इच्छाएँ अनंत,तेरे वश में नहीं ,
चाहे वन में रहो,चाहे घर में रहो ।
परमानंद कभी, तृष्णा में नहीं ,
इस बुराई से सदा लड़ो बंदे…

कर्म तो कभी तज सकते नहीं…

डरना कभी मुश्किल से नहीं ,
चाहे सागर हो या पहाड़ हो।
किस्मत यदि, संग देता नहीं ,
काबिलियत से सदा डटो बंदे…

कर्म तो कभी तज सकते नहीं…

दर दर कभी भटकना नहीं ,
चाहे अवस्था तेरा कोई भी हो।
शिव से बड़ा सत्य होता नहीं ,
सत्य के लिए सदा लड़ो बंदे…

कर्म तो कभी तज सकते नहीं…

पतवार यदि कर थामा नहीं ,
चाहे मझधार में हो या साहिल पे हो।
प्रभु सांसो में यदि बसाया नहीं ,
फिर जीवन सफल,नहीं होवत बंदे…

कर्म तो कभी तज सकते नहीं…

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – १० /११/२०२२
मार्गशीर्ष ,कृष्ण पक्ष,द्वितीया ,गुरुवार
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail

6 Likes · 2 Comments · 469 Views
Books from मनोज कर्ण
View all

You may also like these posts

लिखें हैं नगमें जो मैंने
लिखें हैं नगमें जो मैंने
gurudeenverma198
चौपई /जयकारी छंद
चौपई /जयकारी छंद
Subhash Singhai
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
दीपक झा रुद्रा
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
पूर्वार्थ
मेरे जीवन में फूल-फूल,
मेरे जीवन में फूल-फूल,
हिमांशु Kulshrestha
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
Dushyant Kumar
वे भी द्रोणाचार्य
वे भी द्रोणाचार्य
RAMESH SHARMA
3152.*पूर्णिका*
3152.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चूहा भी इसलिए मरता है
चूहा भी इसलिए मरता है
शेखर सिंह
*जो न सोचा वो हूँ*
*जो न सोचा वो हूँ*
Dr. Vaishali Verma
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
ଭଗବାନ କିଏ
ଭଗବାନ କିଏ
Otteri Selvakumar
कोयल
कोयल
Madhuri mahakash
“पथ रोके बैठी विपदा”
“पथ रोके बैठी विपदा”
Neeraj kumar Soni
पिता
पिता
GOVIND UIKEY
दोहे - डी के निवातिया
दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
Manoj Mahato
माँ दहलीज के पार🙏
माँ दहलीज के पार🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इस दुनिया में सिर्फ मोबाइल को ही पता होता है उसका मालिक का क
इस दुनिया में सिर्फ मोबाइल को ही पता होता है उसका मालिक का क
Ranjeet kumar patre
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
वैर भाव  नहीं  रखिये कभी
वैर भाव नहीं रखिये कभी
Paras Nath Jha
अब भी वही तेरा इंतजार करते है
अब भी वही तेरा इंतजार करते है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
जरुरी नहीं कि
जरुरी नहीं कि
Sangeeta Beniwal
व्यथा
व्यथा
Dr.Archannaa Mishraa
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
" सुनिए "
Dr. Kishan tandon kranti
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
मिला कुछ भी नहीं खोया बहुत है
मिला कुछ भी नहीं खोया बहुत है
अरशद रसूल बदायूंनी
कहावत है कि आप घोड़े को घसीट कर पानी तक ले जा सकते हैं, पर म
कहावत है कि आप घोड़े को घसीट कर पानी तक ले जा सकते हैं, पर म
इशरत हिदायत ख़ान
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Dr Archana Gupta
Loading...