Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2022 · 1 min read

त्याग

पनीली आंखों ने मूंद लिए दीप ,
मन कहीं दूर गया, यादों को लीप।
पलकों में कलरव,अधर हुए बंद
मौन-मूक अंतर ,बांच रहे छंद।
मां का त्याग और पिता का छांव
फिर याद आ गया भूला सा गांव।

4 Likes · 3 Comments · 82 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्षतिपूर्ति
क्षतिपूर्ति
Shweta Soni
स्वयं का बैरी
स्वयं का बैरी
Dr fauzia Naseem shad
"सत्ता व सियासत"
*Author प्रणय प्रभात*
उम्र आते ही ....
उम्र आते ही ....
sushil sarna
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
Aarti sirsat
"कब तक छुपाहूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
पूर्वार्थ
शिक्षक
शिक्षक
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुधार आगे के लिए परिवेश
सुधार आगे के लिए परिवेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हिम्मत और महब्बत एक दूसरे की ताक़त है
हिम्मत और महब्बत एक दूसरे की ताक़त है
SADEEM NAAZMOIN
23/64.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/64.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शैक्षिक विकास
शैक्षिक विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अम्बे भवानी
अम्बे भवानी
Mamta Rani
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
Manju sagar
*लगता है अक्सर फँसे ,दुनिया में बेकार (कुंडलिया)*
*लगता है अक्सर फँसे ,दुनिया में बेकार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
एकाकीपन
एकाकीपन
लक्ष्मी सिंह
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरु रुष्टे न कश्चन:।गुरुस्त्राता ग
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरु रुष्टे न कश्चन:।गुरुस्त्राता ग
Shashi kala vyas
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
VINOD CHAUHAN
ध्यान एकत्र
ध्यान एकत्र
शेखर सिंह
इस जग में हैं हम सब साथी
इस जग में हैं हम सब साथी
Suryakant Dwivedi
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
Rituraj shivem verma
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
Arghyadeep Chakraborty
प्यारा सुंदर वह जमाना
प्यारा सुंदर वह जमाना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
Destiny
Destiny
Sukoon
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
gurudeenverma198
Kabhi kabhi hum
Kabhi kabhi hum
Sakshi Tripathi
मुसाफिर
मुसाफिर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...