तो मेरा नाम नही//
तो मेरा नाम नही//
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असर हो रहा, थोडा-थोडा दिल पर अभी
तुझको दीवाना न बना के छोड़ा ,
तो मेरा नाम नही //
यूँ तो बहुत सफ़र किया,तूने हुस्न-ए-बस्ती मैं,
खुदको तेरी मंजिल न बना के छोड़ा,
तो मेरा नाम नही //
आदत ये तेरी पानी की वाकिफ़ हो गए हम भी,
इस समन्दर ने तुझको डुबोकर न छोड़ा,
तो मेरा नाम नही//
जल तो रही हूँ ,इकरार कर लिया मैंने भी ,
आग मैं अपनी तुझको न जलाकर छोड़ा,
तो मेरा नाम नही //
तडपा लो जितना जी चाहे अभी,
मेरी तड़प को तेरी तड़प न बना के छोड़ा,
तो मेरा नाम नही //
तज़ुर्बा बहुत है इश्क़ के इस खेल का तुमको ज़नाब,
“रत्न” ने इस खेल मैं तुझे हराकर न छोड़ा ,
तो मेरा नाम नही//