तोहरी नगरिया
भोजपरी ————–
बड़ी नीक लागे बालम तोहरी नगरिया /
सुबह-शाम कोयल भी कूके , बोले सोन चिरैया /
मधुरिम चँवर पवन की बगिया साजन मन हरसाती/
माई बहिनी तोहरी सुंदर , भूलि गये हम पाती/
बड़ी नीक लागे बालम तोहरी नगरिया/
रामू श्यामू की तोतल बोली , पियवा मनवा मोहे बा/
चाची – चाची धूम मचावे , सुंदर बड़ी जेठानी बा /
साथ- साथ में लगि के हमरे , सुंदर ज्ञान सिखाती हैं/
बड़ी निक जेठानी जी दिलवा बहलाती है /
बड़े नीक लागे साजन तोहरी बखरिया /
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राजकिशोर मिश्र ‘राज’ प्रतापगढ़ी