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13 Dec 2019 · 1 min read

तोड़ो मत

मैं
पौध हूँ
नन्हा सा
अभी बढ़ा नहीं हूँ
विकसित नहीं हुआ है
तन मेरा |

मुझे
तोड़ो नहीं
उन हाथों से ही
जिन हाथों से
सहेजा है कोई |

अभी
मुझे बढ़ना है
खिलना है, लहलहाना है
फल देना है…
अपने पूर्वजों सा |
*****************
राहुल कुमार विद्यार्थी
भागलपुर(बिहार)

Language: Hindi
4 Comments · 303 Views
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