तैरना है तो सही तैर तैर l
तैरना है तो सही तैर तैर l
सहज स्वच्छ पानी में तैर तैर ll
करना है सही सही बैर बैर l
खुद के द्वेषों से कर बैर बैर ll
चाहे है, सही सफलता भर भर l
कर्म श्रम कर, नहीं कर देर देर ll
गर सच से महकता इश्क है तो l
नही कर कभी ढेर, हो जा ढेर ll
जहाँ अति प्यास ही जीवन है तो l
सहज मनाले, कल की खैर खैर ll
तैरना है तो सही तैर तैर l
सहज स्वच्छ पानी में तैर तैर ll
अरविन्द व्यास “प्यास”