Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2021 · 1 min read

#तेवरी – बरसात

नीलगगन में मेघ घिर , ले आए बरसात।
बरस-बरस हर्षा रही , मन भाए बरसात।।

काग़ज़ की कश्ती चली , पानी ऊपर बैठ।
बचपन की है ये कला , उर छाए बरसात।।

मनमयूर हर नाचता , करके झूमे शोर।
घर से बाहर खींचकर , नहलाए बरसात।।

मुख पर हर मुस्क़ान है , रोमांचित भू-लोक।
ख़ुशियाँ सबको दे रही , दर जाए बरसात।।

पीहू-पीहू मोर की , झन-झन झींगुर शोर।
टर-टर दादुर हो रही , करवाए बरसात।।

पी-पी बोले पपिहरा , मधुर सुरीले बोल।
पीता पहली बूँद को , दे पाए बरसात।।

हरी-भरी धरती हुयी , भरे नदी तालाब।
झरने पर्वत से बहें , सुख गाए बरसात।।

#आर.एस.’प्रीतम’
सर्वाधिकार सुरक्षित रचना(C)

3 Likes · 4 Comments · 681 Views
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

बूढ़ा बरगद खिन्न है,कैसे करुँ मैं छाँह
बूढ़ा बरगद खिन्न है,कैसे करुँ मैं छाँह
RAMESH SHARMA
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
हम सभी को लिखना और पढ़ना हैं।
हम सभी को लिखना और पढ़ना हैं।
Neeraj Agarwal
कम आंकते हैं तो क्या आंकने दो
कम आंकते हैं तो क्या आंकने दो
VINOD CHAUHAN
सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें?
सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें?
Sudhir srivastava
🙅अचूक नुस्खा🙅
🙅अचूक नुस्खा🙅
*प्रणय*
* जगेगा नहीं *
* जगेगा नहीं *
surenderpal vaidya
जो धन आपने कमाया है उसे आप भोग पाओ या ना भोग पाओ; लेकिन उस ध
जो धन आपने कमाया है उसे आप भोग पाओ या ना भोग पाओ; लेकिन उस ध
ललकार भारद्वाज
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
Dr. Upasana Pandey
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
कहमुकरी (मुकरिया) छंद विधान (सउदाहरण)
कहमुकरी (मुकरिया) छंद विधान (सउदाहरण)
Subhash Singhai
हिंदी भाषा
हिंदी भाषा
Kanchan verma
लड़की को लड़ना होगा
लड़की को लड़ना होगा
Ghanshyam Poddar
"" *गीता पढ़ें, पढ़ाएं और जीवन में लाएं* ""
सुनीलानंद महंत
एक गरीबी
एक गरीबी
Seema Verma
कहते हैं मृत्यु ही एक तय सत्य है,
कहते हैं मृत्यु ही एक तय सत्य है,
पूर्वार्थ
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सोने का मुल्लमा
सोने का मुल्लमा
Shyam Sundar Subramanian
जय श्री राम
जय श्री राम
Indu Singh
#तुम्हारा अभागा
#तुम्हारा अभागा
Amulyaa Ratan
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
Ranjeet kumar patre
*पछतावा*
*पछतावा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
जगदीश शर्मा सहज
अब आए हो तो कुछ नया करना
अब आए हो तो कुछ नया करना
Jyoti Roshni
*श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर, सिविल लाइंस, रामपुर*
*श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर, सिविल लाइंस, रामपुर*
Ravi Prakash
यूं जरूरतें कभी माँ को समझाने की नहीं होती,
यूं जरूरतें कभी माँ को समझाने की नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रंगों का महापर्व होली
रंगों का महापर्व होली
इंजी. संजय श्रीवास्तव
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
Ashwini sharma
बहुत कुछ पाना, बहुत कुछ खोना।
बहुत कुछ पाना, बहुत कुछ खोना।
भगवती पारीक 'मनु'
3532.🌷 *पूर्णिका*🌷
3532.🌷 *पूर्णिका*🌷
Dr.Khedu Bharti
Loading...