Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2024 · 1 min read

#तेवरी- (देसी ग़ज़ल)-

#तेवरी- (देसी ग़ज़ल)-
■ बिना बात के डांट रहे हैं।।
【प्रणय प्रभात】

थूक-थूक कर चाट रहे हैं।
बेचारे, दिन काट रहे हैं।।

बिस्तर देने का वादा कर।
आज खड़ी कर खाट रहे हैं।।

सक्रिय जेबतराश अदब में।
रोज़ विचार उचाट रहे हैं।।

गहरी खाई खोदने वाले।
अब गड्ढों को पाट रहे हैं।।

रोज़ अंधेरे उजियारों को।
बिना बात के डांट रहे हैं।।

बरगद रोज़ दिखाता आंखें।
हम शाखाएं छांट रहे हैं।।

थोथी अकड़ दिखाते ऐसे।
मानो पुरखे लाट रहे हैं।।

-सम्पादक-
न्यूज़&व्यूज़ (मप्र)

1 Like · 37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मतदान
मतदान
Aruna Dogra Sharma
Empathy
Empathy
Otteri Selvakumar
कहानी
कहानी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कैसे मंजर दिखा गया,
कैसे मंजर दिखा गया,
sushil sarna
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
If We Are Out Of Any Connecting Language.
If We Are Out Of Any Connecting Language.
Manisha Manjari
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
Ritu Asooja
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
VEDANTA PATEL
सुप्रभात
सुप्रभात
Rituraj shivem verma
ये धरती महान है
ये धरती महान है
Santosh kumar Miri
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
गीत
गीत
Mahendra Narayan
सपनो के सौदागर रतन जी
सपनो के सौदागर रतन जी
मधुसूदन गौतम
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
Shweta Soni
मैने थोडी देर कर दी,तब तक खुदा ने कायनात बाँट दी।
मैने थोडी देर कर दी,तब तक खुदा ने कायनात बाँट दी।
Ashwini sharma
वक़्त आज तेजी से बदल रहा है...
वक़्त आज तेजी से बदल रहा है...
Ajit Kumar "Karn"
चाय
चाय
Rajeev Dutta
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
दानवी शक्तियों को सुधारा नहीं जाता था
दानवी शक्तियों को सुधारा नहीं जाता था
Sonam Puneet Dubey
హాస్య కవిత
హాస్య కవిత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Shyam Sundar Subramanian
"आदमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
उकसा रहे हो
उकसा रहे हो
विनोद सिल्ला
I've lost myself
I've lost myself
VINOD CHAUHAN
#विशेष_दोहा-
#विशेष_दोहा-
*प्रणय*
सत्य यह भी
सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*किताब*
*किताब*
Dushyant Kumar
अपने माथे पर थोड़ा सा सिकन रखना दोस्तों,
अपने माथे पर थोड़ा सा सिकन रखना दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
Keshav kishor Kumar
Loading...