तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
ये अगर अच्छा है तो फिर राब्ता अच्छा नहीं
ख़ुद के चेहरे पे लिए वो फिर रहा है गर्द सी
ये भी कहता फिर रहा है आइना अच्छा नहीं
~अंसार एटवी
तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
ये अगर अच्छा है तो फिर राब्ता अच्छा नहीं
ख़ुद के चेहरे पे लिए वो फिर रहा है गर्द सी
ये भी कहता फिर रहा है आइना अच्छा नहीं
~अंसार एटवी