– तेरे पायल की खनक –
तेरे पायल की खनक –
करे मुझको घायल,
धड़कनों को मेरी बढ़ाए ,
तेरे दीदार की आस मन में जगाए मेरे,
दिल धक- धक करता जाए मेरे,
मन मेरा घबराए तुझे देखने की उत्कंठा बढ़ाए,
आहट तेरे कदमों की कानों को मेरे रिझाए,
देख लू अगर एक बार तुझे तो मुंह खुला का खुला रह जाए मेरे,
अप्सरा लगती हो स्वर्ग से धरती पर उतरी हुई,
मेरी तपस्या ऋषि विश्वामित्र सी कही भंग ना कर जाए,
तेरे पायल की खनक
करे मुझको घायल,
धड़कनों को मेरी बढ़ाए,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184