तेरे दिल में, मै रहता हूं सदा
तेरे दिल में, मैं रहता हूं सदा।
बादल बनकर बरसता हूं सदा।।
भले ही ये चमन बियाबान हो गया हो।
पर तेरे दिल के गुल खिलाता हूं मैं सदा।।
अब क्यों तरसती हो रोशनी के लिए।
तेरे दिल के चिरागो को जलाता हूं मै सदा।।
तेरे दिल की दहलीज को कभी सूना न दूंगा।
तेरे दिल के कमरे में, मैं रहता हूं मै सदा।।
मेरे कदमों के तले दिल को कभी बिछाना नही।
तेरे दिल को अपने दिल में रखता हूं मैं सदा।।
रस्तोगी तुझे जिंदगी में कभी रोने न देगा।
हस कर मैं, तुझको गले लगाता हूं सदा।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम