Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Oct 2023 · 1 min read

तेरे ख़त

तेरे दिये वो ख़त, मैंने रखे हैं संभाल के।
जिनमें रखा था तूने , दिल निकाल के।

पढ़ता हूं जब भी मैं ,तेरे वफ़ा के वो वादे
समझ आया है अब ,क्या थे तेरे इरादे।

यकीं नहीं होता कि , करेगी तू बेवफाई
मेरे कंधे इश्क की ,होगी जग हंसाई।

कसूर तेरा नहीं ,सारा कसूर बस मेरा था
वादे तेरे थे झूठे , मगर यकीं तो मेरा था।

तेरी दिलनशीं वो बातें,तेरी झूठी वो कसमें
मंझधार छोड़ मुझे, ग़ैर से निभाई रस्में।

सुरिंदर कौर

2 Likes · 2 Comments · 185 Views
Books from Surinder blackpen
View all

You may also like these posts

सब चाहतें हैं तुम्हे...
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ఆ సమయం అది.
ఆ సమయం అది.
Otteri Selvakumar
******प्यारी मुलाक़ात*****
******प्यारी मुलाक़ात*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ख्वाइश
ख्वाइश
Mandar Gangal
मजदूर
मजदूर
Namita Gupta
अगर प्रेम है
अगर प्रेम है
हिमांशु Kulshrestha
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
Shivkumar Bilagrami
प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
Dr Archana Gupta
इतने बीमार हम नहीं होते ,
इतने बीमार हम नहीं होते ,
Dr fauzia Naseem shad
........?
........?
शेखर सिंह
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
डॉ. दीपक बवेजा
क्या गिला क्या शिकायत होगी,
क्या गिला क्या शिकायत होगी,
श्याम सांवरा
*गुरुग्राम में चयनित-स्थल विवाह (डेस्टिनेशन वेडिंग) 2,3,4 फर
*गुरुग्राम में चयनित-स्थल विवाह (डेस्टिनेशन वेडिंग) 2,3,4 फर
Ravi Prakash
"Study like the future depends on it, because it does. Every
पूर्वार्थ
3004.*पूर्णिका*
3004.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किया शहर ने गांव पर
किया शहर ने गांव पर
RAMESH SHARMA
अबकि सावनमे , चले घरक ओर
अबकि सावनमे , चले घरक ओर
श्रीहर्ष आचार्य
थार का सैनिक
थार का सैनिक
Rajdeep Singh Inda
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
लक्ष्मी सिंह
“मैं फ़िर से फ़ौजी कहलाऊँगा”
“मैं फ़िर से फ़ौजी कहलाऊँगा”
Lohit Tamta
क्या हम वास्तविक सत्संग कर रहे है?
क्या हम वास्तविक सत्संग कर रहे है?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
Neeraj Agarwal
नाटक
नाटक
Rajeev kumar Bhardwaj
जितने भी मशहूर हो गए
जितने भी मशहूर हो गए
Manoj Mahato
जख्म भी अब मुस्कुराने लगे हैं
जख्म भी अब मुस्कुराने लगे हैं
डॉ. एकान्त नेगी
नारी वेदना के स्वर
नारी वेदना के स्वर
Shyam Sundar Subramanian
"कहने को "
Dr. Kishan tandon kranti
द्रौपदी
द्रौपदी
Er.Navaneet R Shandily
Acknowedged with Best Author Award 2024 by Manda Publishers
Acknowedged with Best Author Award 2024 by Manda Publishers
Shwet Kumar Sinha
Loading...